भारत

भारत


भारत जमीन का टुकड़ा नहीं,
जीता जागता राष्ट्रपुरुष है।
हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है,
पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं।
पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं।
कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है।
यह चन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है,
यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है।
इसका कंकर-कंकर शंकर है,
इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है।
हम जियेंगे तो इसके लिये
मरेंगे तो इसके लिये।


स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की ये पंक्तियाँ भारत के विराट स्वरूप का चित्रण करती हैं । जब कोई मुझसे पूछता हैं कि आप भारत का वर्णन कैसे करेंगे, तब मेरे लिए ये तय कर पाना मुश्किल हो जाता है की भारत जैसे अनोखी छवि वाली महान विभूति के गुणगान की शुरुआत कहा से करूँ, क्योंकि हमारा भारत अनगिनत सभ्यताओं, संस्कृतियों, उपलब्धियों तथा वीरों के शौर्य का अनोखा संगम है। 
अगर मैं गलत नहीं हूँ तो पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र देश हैं जिसको कई नाम से पुकारा जाता है , भारत , हिंदुस्तान ,आर्यावर्त , भरतखंड , जम्बूद्वीप और इंडिया । भारत के कुछ आँकड़ो पर नजर ड़ालते है । क्षेत्रफल के हिसाब से भारत  विश्व का 7 वां बड़ा देश हैं , जनसंख्या के हिसाब से भारत 2 रा बड़ा देश हैं , भारत के पास दुनिया की 4 थीं सबसे बड़ी सैन्यबल हैं ,अगर हम भारत की आंकड़ो पे लिखतें गए तो वो अनंत हैं |
भारत जिसकी जनसंख्या लगभग 130 करोड़ हैं  , 28 राज्य , 9 केन्द्रशासित, 1652 भाषाओं , 22 आधिकारिक भाषाओं का देश हैं ,फिर भी एक हैं। विश्व की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत जो ना जानें विश्व की कितनी और भाषाओं की जननी हैं, भारत में जन्मि थीं। संस्कृत जिसके कितने शब्द  थोड़ी बहुत बदलाव के साथ अंग्रेजी में अपना लिया गया हैं। संस्कृत की मदद से कंप्यूटर संबंधित कार्यों को संपूर्ण किया , जो भारत से हैं।
भारत का इतिहास अनोखा हैं , विश्व में शायद ही कोई ऐसा देश होगा जो भारत के समकक्ष खड़ा हो सकेगा । हमें गर्व हैं ,अभिमान हैं , गौरव हैं , अपने इतिहास पर , संस्कृति पर , सभ्यता पर  | 
 भारत सदैव से महापुरूषों की भूमि रहीं हैं । दयानंद सरस्वती , स्वामी विवेकानंद, जगतगुरु शंकराचार्य , गुरु नानकदेव, गौतम बुद्ध जैसे संतों , महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवजी, रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह , चंदशेखर आज़ाद, मंगल पांडे, वीर कुंवर सिंह जैसे वीर योद्धाओं , चाणक्य,आर्यभट्ट , चंद्रशेखर वेंकट रमन , जगदीश चंद्र बसु , होमी जहाँगीर भाभा ,  ए. पी. जे. अब्‍दुल कलाम जैसे महान विभूतियों का जन्म भारत के इस महान धरती पे हुआ हैं । ना जाने और कितने महान विभूतियों का जन्मस्थली हैं मेरा भारत ।
भारत की सभ्यता निराली हैं , यहाँ की संस्कृति अदभुत हैं , यहाँ के लोग निराले हैं । भारत में एक कहावत हैं  "आतिथि देवो भवः" , अर्थात मेहमान भगवान होते हैं , इसी सभ्यता के काऱण आज भी भारत में मेहमानों को भगवान मानते है , जब तक मेहमान भोजन नहीं करते हम भोजन नहीं करते । एक और कहावत हैं  " वसुधैव कुटंबकम " , जिसका अर्थ हैं कि पूरा विश्व अपना परिवार हैं , इसलिए हम सबको अपना मानते हैं।

भारत में प्रतिभाओं का भरमार हैं , शायद यही वज़ह हैं कि हमने दुनिया को अनेकों रत्न दिए हैं ,आर्यभट्ट  , चंद्रशेखर वेंकट रमन , होमी जहाँगीर भाभा, एम विश्वेस्वर्या , श्रीनिवास रामानुजन , जगदीश चंद्र बोस , ए. पी. जे. अब्दुल कलाम इसके कुछ उदाहरण हैं । आर्यभट्ट जिन्होंने दुनिया को शून्य दिया , जिसके बिना शायद कंप्यूटर की कल्पना भी संभव नहीं थीं। भारत की महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे मिला के चलती हैं , कल्पना चावला , बछेंद्री पाल , रानी लक्ष्मी बाई , पी वी सिंधु । कल्पना चावला ने कितनी छोटी उम्र में अपने प्रतिभा का परचम लहराया और अंतिरिक्ष की दुनियां में कभी ना मिटने वाली हस्ती बन गई । भारत का इतिहास भरा पड़ा हैं ऐसे गाथाओं से ।
भारत वह भूमि है जहाँ  मर्यादा पुरुषोत्तम राम , सती सावित्री , भरत जैसा वीर जिसके नाम से देश का नाम भारत बना , चाण्क्य, विदुर जैसे मंत्री ने जन्म लिया है।
हमारी यही उपलब्धियाँ ,गौरवशाली इतिहास औऱ महान संस्कृति दुश्मनों  के नजर में कांटों की तरह चुभने लगी ,इसी कारण कुछ विदेशी ताकतों, घुसपैठियों  ने धोखे से हमारे महान इतिहास के साथ छेड़छाड़ करके इसमें कितने खामियां गिना दी । हमारी सिद्धान्तों और अविष्कार को चोरी करके अपने नाम कर लिया । 
भारत वो देश हैं जहाँ शल्यक्रिया  और आयुर्वेदिक उपचार सदियों पुराना हैं , सुश्रुत  संहिता जो कि सुश्रुत द्वारा रचित हैं इसका प्रमाण हैं । भारत विश्व के शिक्षा का केंद्र रहा हैं |  नालंदा विश्वविद्यालय का नाम तो सुना ही होगा जो बिहार के नालन्दा जिले में स्थित हैं , जो कि 5वी सदी के लगभग बना था ,तब वहां लगभग 20000 विद्यार्थी और 2000 अध्यापक होते थे। उस समय विदेशी मुल्कों से लोग शिक्षा हासिल करने भारत के इसी विश्वविद्यालय में आते थे। यह विश्वविद्यालय इतना विशाल था कि ये कई किलोमीटर में फैला हुआ है , इसकी ग्रन्थालय में पुस्तकों की संख्या अनगिनत थी । जब घुसपैठिये ख़िलजी ने नालन्दा विश्विद्यालय में आग लगाई तो ये कई महीनों तक जलती रहीं ,फिर भी ये आज अपने जगह पर है ।  घुसपैठियों ने हमारे ऐसे अनको ऐतिहासिक धरोहरों को नष्ट कर दिया, फिर भी वो हमारे हस्ती को ना मिटा सके | भारत कभी ना मिटने वाली हस्ती है | अंत में बस इतने ही कहूँगा की 
"सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा।"




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